Wooden handicraft of Saharanpur
पुरानी मंडी
पुराने सहारनपुर में भी पश्चिम दिशा की ओर बढ़ें तो पुरानी मंडी इलाका है जो विश्व भर में सहारनपुर को काष्ठकला के सबसे बड़े उत्पादन केन्द्र के रूप में प्रतिष्ठा दिलाये हुए है। काष्ठकला मूलतः एक कुटीर उद्योग है जिसे सदियों से लोग जीवन-शैली के रूप में खाते-पीते-पहनते-ओढ़ते आये हैं। यहां बड़े-बड़े शोरूम तो कम ही मिलेंगे परन्तु लगभग हर घर से आने वाली ठक-ठक की आवाज़ें बता देती हैं कि टाट के झीने पर्दे के भीतर इस अत्यन्त साधारण से दिख रहे मकान के भीतर कुछ कलाकार हैं जो शीशम, हल्दू, आम, रोज़वुड जैसी लकड़ियों के टुकड़ों पर अपनी सृजनात्मकता से परिपूर्ण कला उकेर रहे हैं। पूरा संयुक्त परिवार जिसमें ९५ वर्ष के वृद्ध से लेकर पांच वर्ष आयु के बालक-बालिकायें शामिल हो सकते हैं – अपने पारिवारिक वातावरण में हैंडीक्राफ्ट निर्माण की किसी न किसी प्रक्रिया में जुटे दिखाई देते हैं। लगभग सभी परिवार मुस्लिम हैं, गरीब भी हैं, सफाई व स्वास्थ्य के प्रति विशेष चिन्ता भी वहां कम ही दिखाई देती है। पर्दा-प्रथा मौजूद है परन्तु यदि आप विदेशी ग्राहक हैं तो आपको कार्य में जुटी उन महिलाओं व बच्चों के चित्र खींचने की भी अनुमति मिल सकती है।
बाज़दरान स्ट्रीट
पुरानी मंडी की संकरी, धूल-मिट्टी से अटी गलियों – मुहल्लों – घरों में जो माल बनता है – वह यदि स्थानीय बाज़ार के लिये है तो बंजारन स्ट्रीट (या बाज़दरान स्ट्रीट) पर मौजूद दुकानों में आता है और यदि दिल्ली, मुम्बई, बंगलौर में स्थित बड़े – बड़े शोरूम के लिये या अन्य देशों को निर्यात के लिये है तो वेयर हाउस या गोदामों में पहुंचता है। जो लोग सहारनपुर की काष्ठकला के आकर्षण से खिंचे बाज़दरान स्ट्रीट पर चले आते हैं उनको यहां सैंकड़ों की संख्या में छोटी-बड़ी दुकानें व शोरूम काष्ठकला का सामान बेचते दिखाई देते हैं। बड़े-बड़े निर्यातकों के भी यहां पर शोरूम हैं और घटिया, कच्ची-पक्की, घुन लगने को आतुर लकड़ी का सामान बेचने वाले भी यहां मौजूद हैं।
[शीशम की लकड़ी यदि परिपक्व होने से पहले ही काट कर, बिना सीज़निंग किये प्रयोग कर ली गई है तो उसमें बड़ी जल्दी घुन लग जाता है। पॉलिश भी जल्दी खराब हो जाती है और लकड़ी भी ऐंठ जाती है। यदि ऐसी कलाकृति में पीतल या प्लास्टिक के तार से सजावटी कार्य किया गया है तो वह तार भी बाहर निकल आता है। जो लोग महंगा फर्नीचर (डबल बैड, सोफा, कुर्सी, दीवान या महंगे-महंगे शोपीस सहारनपुर से खरीद कर अपने घर ले जाना चाहते हैं उनको चाहिये कि वे बिना पॉलिश किया हुआ माल पसन्द करें ताकि लकड़ी की स्थिति का आकलन कर सकें। वैसे भी, किसी अच्छे भरोसेमंद शोरूम अथवा निर्यातक से ही खरीद-फ़रोख़्त करें।]
सहारनपुर में एक बड़ी संख्या में काष्ठकला निर्माता एवं निर्यातक मौजूद हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिनकी अपनी कोई औद्योगिक इकाई नहीं है – ये सिर्फ विदेशों से आर्डर लेकर माल खरीद कर निर्यात कर देते हैं। इस प्रकार के merchant exporters / export houses सामान्यतः देश के महानगरों में हैं। अनेक विदेशी आयातकों ने अब अपने Buying agents भारत में नियुक्त कर दिये हैं जो सही माल, सही समय पर विदेश रवाना हो जाये, यह सुनिश्चित करते हैं। कुछ प्रमुख स्थानीय निर्यातकों एवं हैंडीक्राफ्ट निर्माताओं के नाम नीचे दिये जा रहे हैं। कुछ नामों को क्लिक करने पर उनके बारे में अतिरिक्त जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है।